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मंगलवार, 23 मई 2017

बाल कविता- जंगलमे फैशन

बाल कविता-264
जंगलमे फैशन
लाल टॉपमे ललिया लुक्खी
लागि रहल छै सुन्नर
जिंस चढ़ा क' दड़बड़  मारै
मुसरी और छुछुन्नर

लंहगा-चुनरी पहिर क' नाचै
खूब डीजेपर  मोरनी
बकरी  सेहो  कीन  लेने  छै
नवका नवका ओढ़नी

कोट पहिर क' शेरू राजा
चला रहल स्कूटी
हॉट  सूटपर  मेकप   केने
बनरी देखबै ब्यूटी

बानर मामा पहिर क' कुर्ता
संग उज्जर पैजामा
मोछ छिला क' भालू भैया
गाबय फिल्मी गाना

सजै-धजैमे व्यस्त भेल सब
काजक बेर बहाना
आबि  गेल  जंगलमे  सेहो
फैसन केर जमाना

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