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मंगलवार, 29 मार्च 2016

चारि कुकुर

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चारि कुकुर

जंगलसँ चारि गोट कुकुर भागि क' मनुखक बीच आबि गेल ।एत' एकटा पोसौंत कुकुरसँ ओकरा दोस्ती भ' गेल ।पाँचू संग रह' लागल ।जंगली कुकुर सब समाजक नियम-कानून सिख' लागल ।ओम्हर जंगलमे युद्ध स्तरपर चारूकेँ खोजल जा रहल छल आ एम्हर चारू अपन नव दोस्त संग मालिकक आगू-पाछू नाङरि हिला रहल छल ।बहुत प्रयासक बाद खोजी दलकेँ एकर पता चलल त'  सब एकरा वापस ल' जेबाक लेल आबि गेल ।कतेबो निहोरा केलाक बादो चारू जंगल जाइसँ मना क' देलकै ।खोजी दल देखलक जे ओ सब एत' बड खुश अछि ।खूब खाइ छै आ पड़ल रहै छै ।पाँचूमे खूब हँसी-मजाख होइ छल ।एक-दोसरक पैघ-पैघ गलतीकेँ सब नजरअंदाज करै छल ।ई देख खोजी दल बड प्रसन्न भेल आ पुनः अपन समाजमे चलबाक लेल चारूकेँ लोभाब' लागल ताकि ओकरो समाजमे ई प्रेम स्थापित भ' सकय ।तखने मालिक एकटा सोहारी एकरा सब दिस फेकलक ।बस पाचूँ सोहारी लेल दौड़ पड़ल ।आब स्थिति बदलि गेल ।ओहि एकटा सोहारीपर सब अपन-अपन अधिकार जमाब' लागल ।देखिते देखिते भयानक झगड़ा शुरू भ' गेल ।ई देख खोजी दलक एकटा अनुभवी बूढ़ कुकुर बाजल,"भाइ एकरा सबकेँ एतै छोड़ि दहो ।एकरामे मनुखे बला गुण आबि गेल छै ।आब ई सब पैघ-पैघ बातपर ध्यानो नै देत आ छोट-छोट बात लेल लड़ैत-मरैत रहत ।जल्दी चल' एत'सँ नै त' अपनो सबकेँ लसरि लागि जेत' " एकरा सबकेँ लड़ैत छोड़ि सब जंगल भागि गेल ।

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