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मंगलवार, 23 जून 2015

वर्णमाला : ङ

बाल कविता -187
वर्णमाला : ङ


'ङ' केर  पूछू जुनि हाल
एहिसँ शब्दक बड़ा अकाल
एसगर बैसल सटि देबाल
बिना मेल केर छै कंगाल

ड करै जँ ठोप्पा-चानन
ङ केर अभरै छै आँगन
अन्तमे जा करै योगासन
क घरक छै, खूब कमाल
ङ केर पूछू जुनि हाल

ङ टुगर बनि नै रहतै
परी लोकसँ झूला एतै
चन्नापर जा खूब झुलेतै
खुशी मनायत करत धमाल
ङ केर पूछू जुनि हाल


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