प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

गजल

नैन खोलिकऽ कने देखू ने भवानी
काँट पसरल सगर सोचू ने भवानी

बाट दरबार के माँ देखल तऽ नै अछि
अंगुरी पकड़ि देखाबू ने भवानी

राति कारी बनल दिन तऽ स्याह भेलै
घोर युग समय फरिछाबू ने भवानी

झूठ छल हम कऽ मिझरेलौँ आगि पेटक
आब की करब किछु बाजू ने भवानी

एतऽ नेता पड़ल हिँसा ओतऽ भड़कल
"अमित" थाकल कहै जागू ने भवानी

फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुन
2122-1222-2122
बहरे-असम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें