प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 15 अप्रैल 2013

परी रानी

बाल कविता-28
परी रानी

हे परी रानी, परी रानी
चोकलेट खूब पठा दिअ
दू पाँखि, उजरा कपड़ा दऽ
अपने सन हमरो बना दिअ

सपनामे आब एनाइ छोड़ू
सदेह कोनो ठाम देखा दिअ
चान-तरेगण वा निज नगरी
उड़नखटोलापर संगे घुमा दिअ

जादू कए किछु खेल देखा कऽ
मोनक उपवन गमका दिअ
धरतीपर एक बेर आबि कऽ
दुखक सागर सुखा दिअ

अमित मिश्र
*फोटो हमर छात्रा प्रीती झा(ज्ञान भारती पब्लिक स्कूल, दरभंगा ,वर्ग-5)क अछि ।हमरा नीक लागल, आशा अछि अहूँकें नीक लागत ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें