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रविवार, 17 मार्च 2013

हाइकू


हाइकू

धवल चन्ना
तरेगणक बीच
छै हेराएल

हँसै सुमन
नाचै तितली भौँरा
उपवनमे

साउन भादो
उबडुब पोखरि
प्रेम मेघसँ

युवा वसन्त
कोयलक गीतसँ
झूठो छै सत्त

मादक हवा
फूलाएल सरसो
पियर खेत

ने मीठ लगै
ने बेसी तीत लगै
प्रेमक स्वाद

माँझ रातिमे
एतै मोसिबत तेँ
बाजै कुकुर

झूठक पर्दा
आ मखानक पात
गलबे करै

माँथक बिन्दी
नन्हकी तरेगण
लागि रहल

पानक पात
लाल टमाटर छौ
तोहर ठोर

गोरी तोहर
आँखिक सुरमा छै
नेताक मोन

प्रेमी दुनियाँ
सिनेह पाबै लेल
घनचक्कर

खेतिहरकेँ
गोबर-करसीमे
दिन बितै छै

दबानल छै
समाजमे लागल
आगि दहेज

जड़लै कीड़ा
आगिसँ नेह कऽ कऽ
एक्कै क्षणमे

मोनक चोर
अनकर करेजा
चोरेबे करै

फाटल कुर्ता
ओहि भिखमंगाकेँ
जाड़ोमे शोभै

लाल गुलाब
प्रेमक पहिचान
भरि जगमे

लैला मजनु
अपन जान दऽ कऽ
अमर भेलै

सबसँ नीक
प्रकृतिक कोरामे
मिथिला धाम

अमित मिश्र


हाइकू/शेर्न्यू

शान्त जीवन
ठमकल पानिमे
किटाणु लागै

ककरो खुशी
पुरनि पर पानि
ठहरै नै छै

साहित्योमे
पैसल अधसर
और लठैत

आलसी लोक
ई इनारक बेंग
एक समान

पोताक हँसी
बाबाक लेल बनल
चमेली सन

माएक प्रीत
कस्तुरी सन अछि
गमकै खूब

केराक पात
उठि गेलै भोजमे
पलेट लग

एकटा गीत
मधु सन प्रेमक
जीबाक लेल

खाधि पोखरि
भरल मखान छै
मिथिला भरि

साँझ पराती
खूब गाबै चिड़ैयाँ
जेड़क-जेड़

अमित मिश्र


हाइकू/शेर्न्यू

कष्टसँ कानै
सुखकेँ खोजै तैयो
बलि चढ़ाबै

गेना गुलाब
सिगरहार सन
तोहर मुस्की

पुष्प -विमान
ई मोन बनल छै
थम्है कतौ नै

सुखल धार
डूबेबै कतऽ बेटी
घैल बान्हि कऽ

पुतना माँ छै
दुलार नै ,मारै छै
नोन चटा कऽ

यमुना तीर
बदलाम खेलसँ
कृष्ण-गोपीक

लिखल कहाँ
वनबासी रामकेँ
सीताक संग

कुहकै पीक
पाकल छै रसाल
एहि महिना

प्रेम सानल
चन्ना चकोर सन
होलीक रंग

अमित मिश्र


हाइकू/शेर्न्यू

कानैत हेतै
पेटमे गेलापर
अण्डाक मुर्गा

लाज नै होउ
निज खून जड़ा कऽ
भूणक हत्या

सामा-चकेवा
सबहक प्रेममे
चुगला आबै

नोन खुआ दे
नेनपनेमे तूँ जँ
इज्जत लेबें

हारिक जीत
मजेदार होइ छै
अजमा लिअ

एहि जगमे
उपमा रहित छै
प्रेमक ताग

माँथ चढ़ल
कलंकसँ खराप
और किछु नै

बिनु चलितो
गाछ ,बूढ़ अपंग
सजीव रहै

जूही-चमेली
पसरल ओछैन
कोहबरमे

माँथक बिन्दी
सौँसे जे लाल ठोप
चंन्द्रमा सन

अमित मिश्र




शेर्न्यू

1.फाटल धरा
समा गेली जानकी
गंजन सहि

2.टाका चाहियै
कोनो काजक नै छै
प्रीतक बोनि

3.एकटा शब्द
भुकम्प आनि दै छै
सम्बन्ध बीच

4.अन्हार घर
साँपे साँप पसरल
चौबगली छै

5.भोजक बेर
अनकर खर्च जानि
बनै चटोरी

6.पाथर मोन
बोलिएसँ बनै छै
मोम सनक

7.झगड़ा -झाँटी
करा दै छै वचन
तौल कऽ बाजू

8.बसन्त संग
अजबे छवि चढ़ै
यौवन पर

अमित मिश्र
हाइकू/शेर्न्यू

नाह मनुख
सुख दुख दू कात
जीवन नदी

पानक पात
प्रेमक कत्था पाबि
अमर भेल

पिज्जा-बर्गर
करतै परतर
तिलकोरक

माँछक भोज
मिथिलेमे होइ छै
मीठ मखान

खाइ कचरा
करै छै मैल साफ
दुषित गंगा

एतै चुनाव
दारू टाका बँटतै
फँसतै दंगा

छोड़ि दै ऐंठा
नै दै ककरो भीख
नै बाँटै अंगा

करू अहं नै
शनिक चोट खा कऽ
जड़त लंका

अमित मिश्र



शेर्न्यू

शब्दक घाव
खोधै छी कलमसँ
भावक लेल

मरबै तैयो
जीबाक पियाससँ
तड़पै सब

बापकेँ फेकै
पुरना अखबार
बेचैछ जेना

रिश्ताक स्वाद
मिरचाइक गुण्डी
नीमक पात

धनक भूख
पियास नै मिझाइ
ओस चाटि कऽ

अनका दोष
नै दे जँ निज मोन
प्रदुषित छै

फैसनेबुल
भीख माँगै बाटी लऽ
दहेज जे लै

अमित मिश्र


शेर्न्यू

जग मरू भू
डेग डेग तिलस्म
फूसिक खेल

आठो पहर
धड़कैत करेज
डरक राज

मैल मोनसँ
पूण्य करू यात्रा कऽ
चारू धामक

माँटि बिकाइ
प्रताप एहन छै
उदयनक

बदनामीसँ
नारिक इज्जत तँ
चूर चूर छै

अमित मिश्र

हाइकू/शेर्न्यू

1.जागल आँखि
स्वस्थय समाजक
सपना देखै

2.सूतल मोन
नै देकै पसरल
कूव्यवस्थाकेँ

3.एकता नै छै
अनेकतामे जीबै
भारतवासी

4.मातल हवा
मदहोश करै छै
एलै फागुन

5.गन्दोमे फूल
कादोमे छै कमल
शीपमे मोती

6.धर्म नै जानै
बमक गर्म लुत्ती
जड़ै छै सब

7.छै जन्मदिन
सालमे एकबेर
उम्र घटाबै

8.नीक-बेजाए
आगिक प्रेममे तँ
फतिंगे जड़ै

9.गन्ध लोभाबै
लपटल भुजंग
चन्दन गाछ

अमित मिश्र

हाइकू

1 .जाड़क भूत
पराण लऽ जाएत
भरि रातिमे
2.
निर्मोही सूर्य 
कोना संग पड़ेलै
चोरबा रौद
3.
पूसक राति
वर्फक पैघ गोला
खसले हेतै
4.
मोन होइ छै
कूदि जाउँ एखने
आगिक बीच
5.
चारि कुकुर
कुहरै छै बहुते
पुआर तऽर
6.
उघारे देह
काँपैत दौड़ै आइ
ओ भिखमंगा

अमित मिश्र

शीतल वायु , ल' एलै हरियाली , सावन भादो

भेल अन्हार ,आकाश करै हल्ला , इजोत संग

प्रसन्न इंद्र , दै छथि आइ पानि , बोझक बोझ

भरल खेत , हरियर कजली , सगरो कादो

भरि आँगन , छै सहसह चाली , जाएब कत'

दौड़ल छौड़ा , नैका पोकरि दिश , मारत माँछ

गरम चाह , छै सवहक प्रिय , एहि वर्षा मे

अमित मिश्र



हाइकू

आब की हेतै , उफानपर कोसी , टूटलै बान्ह

बाढिक पानि , खेतमे पसरल , डूबल धान

खसल कोठा , कते जन रहत , ऊँच मचान

केराक थम्ह , राख बालुक बोरा , रोक कटान

भासल लाश , माल-जाल लोकक ,फँसल प्राण

बरसै वर्षा ,खसि गेल ठनका , अदृश्य चान

टूटल आरि , धसि गेल धसना , पानिक गान

काँपैत रोआँ ,उजड़ल दुनियाँ , उड़ल प्राण

अमित मिश्र


सावन मास , लागल कारी मेघ , बाजल बेँग

झूकल डाँर , रोपै धानक बीया , जोन-मजूर

अचार रोटी , भेल पनिपियाइ , भरल मोन

भरल पेट , छै ठोर त'र खैनी , उसरै काज

सिहकै हवा , हरियाएल बाध , झूमैत खेत

सामा-चकेबा , खेलै सब बहिना , धानक बालि

तीला संक्राति , तीलबा गुड़लाई , नवका चूरा

अमित मिश्र
शांत पवन , भेल कारी आकाश , फाटतै मेघ

सून सड़क , घर दिश दौड़ल , थाकल लोक

मोटका बूँद , सड़कपर ढेह , भासल माटि

तारक गाछ . खसि गेल ठनका , जड़ल पात

एलै बिहाड़ि , टूटलै डाढ़ि-पात , फूटलै अण्डा

अमित मिश्र

पढ़ल लोक , जेठ दुपहरिया , घास छीलैए

मेघक बिनु , सावन मे देहसँ , घाम चूबैए

पानिक बिनु , छै फाटि गेल खेत , सक्कत माटि

अमित मिश्र

जंगल बीच , गरजैत झड़ना , निकलै गंगा

शोभै पहाड़ , सगरो हरियरी , गाछक अंगा

फूलक गंध , पराग पीबि भौँरा , मचेने दंगा

अमित मिश्र



शेर्न्यू

1.विआह भेल
घोड़ा बेच सूतल
बेटीक बाप

2.छै प्लास्टिकक
गाछ ,पात आ फूल
कृत्रिम युग

3.भारत देश
गामे गाम बदलै
भाषा आ भेष

4.लेने जनम
घूस ,मँहगी ,चोरी
पैघ औरदा

5.टूटल ताला
डरक गप छै ई
साँपक माला

अमित मिश्र



हाइकू/शेर्न्यू

प्रेम दिवस
उधियाइत मोन
गुलाब लेने

ज्ञान सुधासँ
भीजा दिऔ जगकेँ
सरस्वती माँ

भोर होइत
मुक्त भेल मधुप
पंखुरी खोलि

जीब रहल
करेजमे रोपने
काँट आ फूल

हम भारत
जगमे छी पूजित
शीश मुकुट

कृष्ण आ गोपी
कदम्ब गाछ चढ़ि
खेल करैत

अमित मिश्र

चाहक रंग
कारी भेल जाइ छै
मँहगाइमे

चन्नामे दाग
मोन बोलमे दाग
दागे दाग छै

यंत्र जगकेँ
सम्मोहित केने छै
जादूगर छै

पन्नी पीबै छी
अंग्रेजीक पाइ नै
गरीबीमे छी

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