प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

मंगलवार, 26 मार्च 2013

भौजी-सरहोजि-सजनी-सारि

भौजी-सरहोजि-सजनी-सारि

रंगक वर्षामे भीजल छी
भाँगक नशामे माँतल छी
ने सूतल छी ने जागल छी
फागक धारमे भासल छी
यै भौजी भऽ जाउ तैयार
छोड़ब अहींपर रंगक धार

जुनि काँच बुझू हम पाकल छी
बड सक्कत छी जुनि फाटल छी
सासुरक दुलरूआ हम छाँटल छी
अहीं लेल एतऽ आयल छी
राँगबे करब तँ की करतै सार
यै सरहोजि बिसरि जाउ सासुरक संसार

ने ठीक छी ने पागल छी
ई बात सत्त जे पियासल छी
काज-धाज छोड़ि आयल छी
विरह बड भेल तें घायल छी
मुदा आनलौं जेबी भरि अबीर प्यार
यै सजनी रंग लगबा लिअ यार

छी छोट मुदा मोन जीतल छी
लोंगिया मिरचाइ मुदा शीतल छी
यौवनक नव रससँ भीजल छी
ठंढियोमे बड धीपल छी
अहाँ लेल तँ छै नोट हजार
आउ सारि करब रंगक बौछार

भौजी-सरहोजि-सजनी-सारि
सब थाकि गेल पिचकारी मारि

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें