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शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

bal gajal


भोरे-भोरे मुर्गा बाजै छै
सोना बौआ के उठाबै छै

नबकी बाछी दूध देतै
तीरो कक्का दूध दूहै छै

माँ देलनि चुसनि भरि
गुटुर-गुटुर पिबै छै

दूये दाँत के हँसै बौआ
आ हपकुनियाँ काटै छै

भरल कठौत पानि मे
बौआ नहाइ छै कूदै छै

पाउडर काजर ठोप्पा
नव कपड़ा चमकै छै

हाथी घोड़ा आ झुनझुना
"अमित" बौआ बजबै छै

वर्ण-9

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डरकडोरि मे झुनझुना बड मीठ बाजै छै
जुता मे लागल पिपहू पीँ पीँ राग सुनाबै छै

तीन टंगा गुरकुन्ना धेधै बौआ घूमै अंगना
बकरी के बच्चा देखिते कूदि कूदि क' नाचै छै

भालू वला नाच देखाबै बौआ के दलान पर
दू टाँग पर नाचल भालू बौओ नाचि हँसै छै

भरि कटोरी दूध पिबै लेए ढंग ध' कानै छै
जखन पूछौँ नाम त' माएक नाम बताबै छै

नाचैत रहैए सब ललना एहि संसार मे
बोआ के हँसी देख "अमित" कलम चलाबै छै

वर्ण-17

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